अटल विश्वास के लिए साथ खड़ी हूँ मैं
अपने सत्य से भी यू कहीं परे हूँ क्या मैं
स्वाधीन, मुक्त हूँ प्रश्न का उत्तर हूँ मैं
धरती धरणी धीर सी अम्बर कथा हूँ मैं
वीरकण से बनी धीर प्रतिमूर्ति ही हूँ मैं
मौन मूक वेदना कि ये एक कड़ी हूँ मैं
अटल हूँ सजगता से खड़ी हुई तो हूँ मैं
जन्मों तुझ से कहीं यू जुड़ी ही रही हूँ मैं
सृष्टि कि अनमोल रचना भी रही हूँ मैं
दुष्ट भंजनी बाहुबल , नारायणी हूँ मैं
जीवन दायनी प्रबला मुक्तेश्वरी हूँ मैं
अनेक रूपा "अरु" स्वरूपा भी तो हूँ मैं
आराधना राय
copyright : Rai Aradhana ©
------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आज हाथ में छुरी ले कर वो अपना खुदा मार आये है
किसी का इश्क़ था इबादत वो भी वो मार कर आये है
बेवफ़ाई का इल्ज़ाम दूसरो पर लगाने वालो
हँसते हुए घर को भी तबाह यू ही करने वालों
इश्क कि कौन सी नई रस्म ढूंढ आए हो
ना खुदा को खुदा बना कर ही तो लाए हो
copyright : Rai Aradhana ©
खामोश सदाओं को एक तेरा भरोसा है
हम ना छूटेंगे ये साथ ना अब छूटेगा
मैं दबे पाँव भी आ कर ठहर जाऊँगी
ज़िंदगी तेरा भरोसा है हँस के जाऊँगी
copyright : Rai Aradhana ©
लगे
---------------------------------------------
ज़ख़्म उनका हो तो बहुत गहरा लगे
मेरा खून गिरे तो भी पसीना ही लगे
वो मेरे ख्वाब नींदों में चुरा जाने लगे
वो शख्स मुझे क्यू ना अपना सा लगे
मैं दबे पाँव भी आ कर ठहर जाऊँगी
ज़िंदगी तेरा भरोसा है हँस के जाऊँगी
आराधना राय
copyright : Rai Aradhana ©
होता
----------------------------------------------------------------अजब बात थी जो वो भी मुकर गया होता
सुना के हाल वो किसको बहलाने आया है
तमाशाई था तमाशा दिखा गया वो यू होता
कौन था यू चुप चाप सा बन रह गया होता
वो वादे वफ़ा के नए -नए से ही कर गया होता
वो रोज़ ज़फा भी यू किसी से कर के गया होता
आराधना राय
copyright : Rai Aradhana ©
वो हमें अपना बनाने यू ही कब आए थे।
मेरे ज़ख्मों पे वो नमक लगाने आए थे
आप कि मुस्कान ही जीवन छाप है मेरी
आप कि हर बात आज बस याद है मेरी
आभारी हूँ मैं।
Comments