लिखती तो कविता ही हूँ , आज अपनी ग़ज़लनुमा कविता की बात करती हूँ। आवाज़ -------------------------------------------- उन के दरों -दीवार की बातें करें दिल से दिल मिलाने की बातें करें --------------------------------------------- कल तलक रहे बिल्कुल बे- आवाज़ आज उन के दीदार की बातें करें --------------------------------------------------- ज़मी चुप है,आसमां बड़ा खामोश सख्त होते हालात की बातें करें ------------------------------------------------------ मातम का होता है बस इक बहाना शब-ए -गम में क्या मौंत की बातें करें ------------------------------------------------------- हर एक कोई होता नहीं है मेहरबान बेरहम दुनियाँ की क्या बातें करें -------------------------------------------------------- दुख से मिलकर दुख का बादल छँटता माँ के आँचल के सकूँ की बातें करें -------------------------------------------------------------- भूख से ऊंचा रहेगा सदा ही ईमान बेबसी, भूख की क्या बातें करें ------------------------------------------------------------------ हम भी है कायल तेरे ए आसमान अरु देश के बदहालात की क्या ब
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.