तुझसे बिछड़ी तो मैं फिर बिखर जाऊँगी। फिज़ाओ में मैं तुझे रंग बन के पाऊँगी। भीगते सावन में मै बारिश बनके आऊँगी। बूंद -बूंद बरसूँगी मैं आँखो से भीगा जाऊँगी। बेक़रार तमन्ना लिए सहर बन के आऊँगी। copyright : Rai Aradhana © आराधना تجھسے بچھڑی تو میں پھر بکھر جاؤں گی. پھذاو میں میں تجھے رنگ بن کے پاوںگی . بھيگتے ساون میں مے بارش بن کے اوگي . بوند -بود برسوگي میں آںکھو سے بھیگا جاؤں گی. بےقرار تمنا لئے سحر بن کے اوگي . ارادھنا
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.