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Showing posts from August 3, 2015

नमन

हे महादेव करुँ नमन तुम्हें मैं जग के पालनहार तुम उमा पति , तुम कामेश्वर , हे सृष्टि रचयता तुम को बारम्बार प्रणाम , हे अभ्यंकर ,चंद्रचूड़ प्रणिपात आराधना राय  "अरु "करें देव आप को साष्टांग प्रणाम।