जान नहीं जब पूरा नाता विभेद ह्रदय में उपज जाता ज्ञान नहीं कोई पूर्ण पाता बीच राह में भ्रमित हो जाता अधकचरी सी बात सुनाता असत्य सत्य नहीं बन पाता © आराधना राय "अरु"
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.