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Showing posts from April 30, 2016

नज़्म जिंदगी

साभार गुगल नज़्म जिंदगी मेरी ग़ज़ल हुई तुझसे बिछडने के बाद रात कि मेरे सहर न हुई चाँद निकलने के बाद दिल ने सिर्फ तेरी सुनी अश्क बार होने के बाद मर्ज़ मेरा लाइलाज रहा दिले- बर्बाद होने के बाद आँच दिल को जलाती रही दीप की लो बन जाने के बाद जिंदगी मुझे म्यसर ना हुई तिरे चले जाने के बाद सुनी अनसुनी  सब रह गई  "अरु"  शबे जिंदगी चले  के बाद आराधना राय "अरु"