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Showing posts from May 13, 2015

बता जाती है

बता जाती है ------------------ बात दिल को छू कर यू  चली जाती है ज़िंदगी अपनी  कीमत ही बता जाती है दुनियाँ में  हर शए ही बिकने  जाती है गर सही कीमत कहीं उसे मिलजाती है दफ़न , कफ़न , भी जो लोग नहीं पाते है उनके हिस्सें में बस सिक्के नहींआते है अस्मत से  किस्मत तक खरीद जाते है खनकते सिक्कों को खुदा भी कह जाते है दिल कि उम्मीद पर जीवन जो बिताते है उनकी क़ीमत तो खुदा भी नहीं लगते है चाँद तारे भी सामने  मंद से  पड़ जाते है वो  ही सूरज बन दुनियाँ को  चमकाते है  आराधना राय