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Showing posts from November 25, 2014

दिल

दर्द जब ज़ुबां देता है , खूबसूरत अहसास को जन्म देता है पानी में उठते बुलबुलों कि तरह रोज़ मरते है रोज़ जीते है क्यू फ़से है इस कफ़स में यहाँ ऐसी उलझन में यू रहते है शिकवा हम यहाँ किस से करे मेरी दुनियाँ ही रूठ के बैठी है एक तेरे नाम पे जीते है ,हॅंस के दुख भी अब झेल ही लेते है इश्क है तुम से खुद को बहला कर हम भी तो जीते ही रहते है आराधना राय copyright :  Rai Aradhana   © मेरे नाम दिन के उजाले हुए है अंधेरों को हम क्यों पाले हुए है किन मज़बूरियों में ढाले हुए है हालत तंग दिल में छाले हुए है ख्वाब क्यों हमने फिर पाले हुए है हसरतों कि ख्वाहिशें जाने हुए है Tulika ग़ज़ल ,गीत ,नग्मे ,किस्से कहानियों का संसार copyright :  Rai Aradhana   ©