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Showing posts from August 28, 2015

दिखाई देता है

   -------------------------------------------- धुँआ सा कैसा दिखाई देता है   हर एक तन्हां दिखाई देता है  सवाल के ख्याल देख लेता है  चेहरा कोई यूँ भी पढ लेता है  मन की बातें जो कर लेता है     उन्हें भी देख ही कहीं लेता है  छुपा  लाख कोई रख लेता है    असली रंग वो देख ही लेता है   ज़माना अजब सा देखा "अरु"  हर कोई खुद को हूर कह लेता है  -------------------------------------------   आराधना राय "अरु " Rai Aradhana ©