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नज़्म बेवज़ह नहीं

कोई वादा नहीं फिर भी क्यू  तेरा इंतज़ार करती हूँ अपनी तन्हाइयों में अक्सर दिल कि बात करती  हूँ। बेवज़ह तो नहीं ये सब बातें,या  यू ही बेक़रार रहती हूँ जाते हुये से इस पल में ,नींद से ख़्वाब क्यू मैं  चुनती हूँ। कोई सुन ले ना ज़बां से बस उफ ,होठो को सिये रहती हूँ चुप हूँ ख़ामोश हूँ मैं ,अपनी आँखों से ही मैं बात करती हूँ। आराधना

हाल -ए दिल

हाल -ए दिल --------------------- तुझ से रूठी हुई हूँ आओ माना लो मुझको दूर से ही सही आवाज़, लगा लो मुझको हाल -ए दिल पूछते हो गैर से क्या दिल धड़कने का सबब तेरे कोई और है क्या दो घड़ी का है सफ़र मुझको बताता है कोई साथ फिर कैसे रहेगा ,मुझको बताता है कोई खुद से ग़मगीन नहीं ,तुझ से मुतमईन नहीं मै ज़फा ना कर सकी तेरी वफाओं से कभी आराधना

ख्वाब आवाज़ देगाخواب آواز دے گانظم

नज़्म कोई ख्वाब आवाज़ देगा बुलालेगा ,बैठा लेगा हमे आहटें ,खोलेगी दरवाज़ा खामोशियाँ  फिर बातें करे  गुफ़्तगू यूही चलती रहेगी बादलों, हवा ,रुखसार की ज़िन्दगानी बहती रहेगी बात -बेबात   ,बेबाक़ सी महफिले ये सजती रहेंगी साज भी ये  बजते रहेगें ख्वाब ये   फिर से  सजेंगे चूड़ियों कि खनहनाहट से आहटे खोलेंगी ये दरवाज़ा ख्वाब जब ले आएगा  कोई copyright : Rai Aradhana © आराधना                                                                                                   کوئی خواب آواز دے گا بلالےگا، بیٹھا لے گا ہمیں اهٹے، كھولےگي دروازہ كھاموشيا پھر باتیں کرے   گفتگو يوهي چلتی رہے گی بادلوں، ہوا، ركھسار کی ذندگاني...

اعتراف - Itiraf एतरफ (Confession )

               साभार    गूगल   इमेज                                            नज़्म   एतरफ  اعتراف  Confession   दिली एहतमाद है मुझे तुझसे जो है  एक दूसरे का बस  एहतराम ,नहीं है दिल ने दिल से कहीं, वो बात नहीं है  तन्हाइयों के नाम मेरा पैगाम यही है रुसवाईयाँ,शिक़वे गिले सब नज़र में है  पर तुझ को छोड़ कर मंज़िल ही नहीं है  मेरी दुनिया तेरी उम्मीदों से यूँ परे ही है   वादे है ,हसींन मगर फ़रेब की तरह ही है   ये दुनियाँ सरकश सी सराब की तरह यूँ है   दिखता है क्या न पूछिये  बाजार ही तो है  मायूस हूँ ,खुद से मगर ना उम्मीद नहीं हुँ  ये हौसला इस जद्दोजहद में बाकी है दोस्त   , टूटेगा तेरा , इस्रार इक रोज़ तो मेरे ही आगे, झुकता है कभी आसमां ज़मी के  कही आगे   इस , ताबो , तपिश की भी ना  तासीर रहेगी , ...