हाल -ए दिल
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तुझ से रूठी हुई हूँ
आओ माना लो मुझको
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तुझ से रूठी हुई हूँ
आओ माना लो मुझको
दूर से ही सही
आवाज़, लगा लो मुझको
आवाज़, लगा लो मुझको
हाल -ए दिल
पूछते हो गैर से क्या
पूछते हो गैर से क्या
दिल धड़कने का
सबब तेरे कोई और है क्या
सबब तेरे कोई और है क्या
दो घड़ी का है
सफ़र मुझको बताता है कोई
सफ़र मुझको बताता है कोई
साथ फिर कैसे
रहेगा ,मुझको बताता है कोई
रहेगा ,मुझको बताता है कोई
खुद से ग़मगीन
नहीं ,तुझ से मुतमईन नहीं
नहीं ,तुझ से मुतमईन नहीं
मै ज़फा ना कर
सकी तेरी वफाओं से कभी
सकी तेरी वफाओं से कभी
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नज़्म
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