जीत जंगल के अधिकारीयों से बच बचा के मगरू ने आज हिरन के झुण्ड पर घात लगाने की ठानी थी । किस्मत भी मगरू के साथ थी । हिरन का झुण्ड मगरू के समाने आ गया देख भाल कर मगरू ने घात हिरन के छोने पर लगाई , पर आखिरी पल में हिरनी मगरू और उसके भाले के बीच आ गई , छोटा बच्चा भाग कर अपने झुण्ड में जा मिला । मगरू की आँखों में जीत की चमक थी ,घायल हिरनी अपनी बड़ी - बड़ी आँखों से मगरू को देख रही थी , अगर वो बोल सकती यही बोलती की जीत एक माँ की हुई थी जिसने अपने प्राण दे कर आज अपने बच्चे को झुण्ड में सुरक्षित कर भेज़ दिया था । आराधना राय अरु
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