वो सड़क जो तेरे घर तक जाती थी
कहीं मुझ से खो गई है.
मेरी आँखों से ओझल हो किसी और
कि वो अब हो गई है
मालूम नहीं अब किस नाम से मशहूर
वो यहा हो गई है
कौन सा मोड़ था मुड़ गए थे और वो यू
ही खफ़ा हो गई है
रात कि वीरानियाँ दिल में लिए भटके
आज वो चुप हो गई है
नया सा नाम लेकर पुराने लिबास में
कहा खड़ी हो गई है
ज़िन्दगी के कौन से दोराहे पर मुझ से
जुदा हो गई है
वक़्त और हालत कि गर्दिश में यू ही वो
कहीं फिर खो गई है
नाकाम ख्वाहिशें रास्ते के ज़द में मंज़िलों
से दूर हो गई है
आराधना राय
नाकाम ख्वाहिशें रास्ते के ज़द में मंज़िलों
से दूर हो गई है
आराधना राय
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