साभार गुगल इमेज़
क्या देखते है हो अब इन नज़ारों में
जा के कभी इन परिंदो से तुम पूछो
भरी उड़ान दाने पानी कि जब उसने
गिरा क्यों कभी वो सय्याद से पूछों
मुकम्मिल कौन सा अब जालिम है
फ़साना जाके किसी और से भी पूछो
मुसल्सल एक बात आकर रोक देती है
बढ़ा के आस क्यों हाथ मेरा रोक लेती है
आराधना
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