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दिल समझते है







साभार गुगल इमेज़

दिल पे दाग लिये हम फिरते है
दुआ होठो पर भी हम रखते है 

तेरी आहट को भी हम सुनते है
तुझे धड़कन में सज़ा के रखते है

वो परेशां है हम ये भी समझते है
दिल बता हम उन के क्या लगते है

हम जिन्हें अपनी ख़ता समझते है
उन के पास ही अपना दिल रखते है 
कॉपी राइट @आराधना राय




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ना काबा ना काशी में सकूं मिला दिल को दिल से राहत थी जब विसाल -ए -सनम मिला। ज़िंदगी का कहर झेल कर मिला बीच बाज़ार में खुद को  नीलम कर गया यू  हर आदमी मिला राह में वो इस तरह कोई चाहतों से ना मिला रूह बेकरार रहे कोई "अरु" और वो अब्र ना कभी हमसे यू मिला आराधना राय copyright :  Rai Aradhana  ©
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