सकून जो दिल को भी आ जाए
फिर उन को करार भी आ जाए
हसरतें ,उमगे जब उठती जाए
मोज़ों में रवानी भी कुछ आये
सितम क्यों हर घड़ी सहते जाए
क्यों ना अपना तुम्हे कहते जाए
आराधना
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.
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