सुन रहे है हम सुन रहा है तू
साथ चल मेरे कह रहा है तू
नैन ये कहे प्रीत कर रहा है तू
सुख कि आस में ज़ी रहा है तू
जीवन अमृत सा पी रहा है तू
आँखों में मधुरिम रस बसा तू
प्रीत कि नौका चले कह रहा तू
ज़िन्दगी कि फिज़ाओ में भी तू
समुंदर मंथन का जीवन सार तू
विष को जीत अब अमृत रस पी
मन में बस रहा सुगंध कि तरह ज़ी
तेरे उजाले बड़े निराले कह रहा है तू
आराधना राय
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