साभार गुगल इमेज
छूटे अब सभी खिलौने
रूठा बचपन का संसार
हाथ क्या आया उनके
ये कागज़ का व्यापार
भीख मांगते उन हाथों को
मिला जब अभाग्य अपार
नही किताबें संगी जिनकी
क्या उन्हें ना भाया प्यार
रही सदा फीकी ममता ही
ना मा और पिता का साथ
लड़ा लड़कपन सड़कों सड़कों
लेकर भटके हाथ कटोर- दान
कठोर धरातल , मैला आँचल
क्या निभा पाया उन से संसार
दोष क्या देना उनका फिर भी
थे विधि के ये सब क्रूर विधान
कभी -कही तो सब कुछ पाकर
जग में और करें बस हाहाकार
आराधना
Comments