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गम



साभार गूगल





यू ही मिटने के लिए
और मिटाने के लिए

हसरतें जां क्यू  रहेगी
क्या तुझे पाने  के लिए

मांगा क्या मिल गया
उम्र निभाने के लिए

यू ही एतरफ किये जा
खुद को भुलाने के लिए

अब भी मदहोश किय जा
है आये तुझे पाने के लिए

दिल में है यू ही वो जले
गम -ए  यादों के लिए

अब ये ग़फ़लत ही सही
एक तुझे पाने के लिए

कुछ ना कह सके हम
उनको बताने के लिए

माना मज़बूर मेरे  हालात
 बहुत से  रहे होंगे "अना"

आराधना            अना"  माने respectful use as pen name







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ग़ज़ल

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राहत

ना काबा ना काशी में सकूं मिला दिल को दिल से राहत थी जब विसाल -ए -सनम मिला। ज़िंदगी का कहर झेल कर मिला बीच बाज़ार में खुद को  नीलम कर गया यू  हर आदमी मिला राह में वो इस तरह कोई चाहतों से ना मिला रूह बेकरार रहे कोई "अरु" और वो अब्र ना कभी हमसे यू मिला आराधना राय copyright :  Rai Aradhana  ©