साभार गुगल
रंज कि शाम है अब ना कोई बात यू बाकी करों
सो गई रात अब ना दिन ये रहा मुझ पे मेहरबान
अब तकाज़ा किसी भी बात का कोई यू हम से करो
बहुत रो कर दिन काट लिए ना बेकार कि बात करों
तू मिला "अरु" हँस लिए मुस्कुराने कि ना बात करों
आराधना राय "अरु"
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